RBI ने रेपो रेट घटाया! क्या अब EMI होगी कम? | संजय कथुरिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की घोषणा की, जिससे यह 5.5% पर आ गया है। इस कदम का सीधा असर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई (EMI) पर पड़ेगा। आइए समझते हैं कि इस फैसले से आम आदमी को क्या फायदा होगा और क्या लोन की ईएमआई में कमी आएगी।navbharattimes.indiatimes.com


RBI का रेपो रेट क्या है और इसका लोन पर क्या असर पड़ता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के लिए कर्ज सस्ता होता है और वे ग्राहकों को भी सस्ते ब्याज दर पर लोन देते हैं। भारत में अधिकांश होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें RBI के रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। इसलिए, रेपो रेट में कमी का सीधा असर इन लोन की ईएमआई पर पड़ता है।navbharattimes.indiatimes.com


EMI में कितनी कमी आएगी?

यदि आपके पास ₹50 लाख का होम लोन है और ब्याज दर 8.75% है, तो 20 साल की अवधि में आपकी मासिक ईएमआई ₹44,186 होगी। रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी के बाद, ब्याज दर घटकर 8.25% हो जाएगी, जिससे आपकी नई ईएमआई ₹43,391 होगी। इससे आपको सालाना ₹9,540 की बचत होगी। upstox.com+4moneycontrol.com+4fincash.com+4upstox.com+1moneycontrol.com+1

यदि आप अपनी ईएमआई को समान रखते हैं और लोन की अवधि कम करते हैं, तो ब्याज की कुल बचत और भी अधिक हो सकती है। उदाहरण के लिए, ₹50 लाख के लोन पर ब्याज दर 8.25% होने पर, लोन की अवधि में लगभग 10 महीने की कमी आ सकती है। bankbazaar.com


क्या और भी राहत मिल सकती है?

कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि RBI वित्त वर्ष 2025 में रेपो रेट में और 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें और भी कम हो सकती हैं, जिससे ग्राहकों को और अधिक राहत मिलेगी। navbharattimes.indiatimes.com


बैंकों का क्या रुख है?

बैंक ऑफ बड़ौदा ने RBI के रेपो रेट में कमी के बाद अपनी लेंडिंग रेट को 8.15% कर दिया है। इससे होम लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरें कम हुई हैं, जिससे ग्राहकों को सस्ते लोन मिल रहे हैं। timesofindia.indiatimes.com


निष्कर्ष

RBI का रेपो रेट में कमी का फैसला होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए राहत की खबर है। यदि आप फ्लोटिंग रेट पर लोन ले रहे हैं, तो आपकी ईएमआई में कमी आएगी। यदि आप फिक्स्ड रेट पर हैं, तो लोन की अवधि कम हो सकती है। इसके अलावा, आगामी टैक्स छूटों के साथ मिलाकर, आपकी कुल बचत में और भी वृद्धि हो सकती है।navbharattimes.indiatimes.com

यदि आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं या मौजूदा लोन की पुनः वित्तपोषण (refinancing) पर विचार कर रहे हैं, तो यह समय उपयुक्त है। बैंकों से संपर्क करके वर्तमान ब्याज दरों और उपलब्ध योजनाओं की जानकारी लें।


संजय कथुरिया की राय

RBI का यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने और आम आदमी को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यदि आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह समय उपयुक्त है। साथ ही, मौजूदा लोन की पुनः वित्तपोषण पर भी विचार करें, ताकि अधिकतम लाभ उठा सकें

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